तस्वीरों के दुनियां में अब यादों का क्या काम दिल के गहराइयों में अब कोरे कागज का क्या नाम जुदा होकर भी जो अस्कों में रहे ऐसे एहसासों पर क्या इल्ज़ाम यकीन नहीं होता क्यूं इतने अच्छे हो लगते भी मुझे बहुत सचे हो तारीफ़ तो मैं करती नहीं या यूं कहूं मुझे तारीफ़ करनी आती नहीं एक सफ़र जैसे हो पूरा कुछ अधूरा अपनों के जख्मों पर मरहम से हो अंधेरों में भी रौशनी का उजाला हो जैसे जुगनू से भरे एक आशियां हो ख़ामोश रहना इसकी कोई वजह नहीं बस तारों और ख़्वाबों के दुनियां में जीता है आंखों में आंसू न आए हर लम्हा राज़ हो खुशियों के शहर में इसका भी इंतजार हो मुक्कमल करना इसकी हर दुआ खुदा जिंदगी में कोई गम का न हिसाब हो Dedicating a #testimonial to 🅝🅐🅝🅓🅐🅝 🅙🅗🅐 Please read my captions 🙏🙏🙏🙏 ज्यादा ध्यान qoute पर नहीं दे बस ऐसे ही मैंने लिख दिया वरना क्या .........??? 🤔🤔🤔🤔 कुछ नहीं अब मैं क्या कर सकती हूं ,,,,