जज्बातों की कोई किताब होती तो तुम समझते, बेवजह नहीं थी ख़ामोशी मेरी। जज्बातों की कोई किताब होती तो तुम समझते, बेवजह नहीं थी ख़ामोशी मेरी। #hindinojoto