Nojoto: Largest Storytelling Platform

बहुत समय हो चला अब,चलो कुछ किया जाये! पिंजरे से अब

बहुत समय हो चला अब,चलो कुछ किया जाये!
पिंजरे से अब उस पक्षी को, अज़ाद किया जाये!
न जाने कब से जमे हुए है, होठो पर सन्नाटे
कुछ करे कि अब फ़िर दुबारा हँसा जाये!
-Raghav Raghuvanshi Zindagi fir ek baar aaja...
बहुत समय हो चला अब,चलो कुछ किया जाये!
पिंजरे से अब उस पक्षी को, अज़ाद किया जाये!
न जाने कब से जमे हुए है, होठो पर सन्नाटे
कुछ करे कि अब फ़िर दुबारा हँसा जाये!
-Raghav Raghuvanshi Zindagi fir ek baar aaja...

Zindagi fir ek baar aaja... #Quote