"माँ का आँचल" मेरे चेहरे की खुशी देखकर , तुम मुस्कराती हो। मुझे कोई गम हो, तो मेरे कहे बिना समझ जाती हो। चोट मुझको लगती है, दर्द तुमको होता है, मेरे हर दर्द का मरहम बन जाती हो। एक रोटी मांगने पर दो देती हो, और खुद भूखी सो जाती हो। अपने गमों को अपने सीने में रखकर, हमारे लिए दुआएँ माँगती हो।। मेरी गलतियों पर भी, मुझको ही अच्छा बताती हो।। जब मुझे नींद नहीं आती, तो फिर क्यों अब पहले जैसे, मुझे अपने आँचल ने नहीं सुलाती हो।। सुकून है मिलता मुझको, बस एक तेरे आँचल में, हर मुश्किल में मुझको तुम जीना सिखाती हो।। माँ का आँचल, मेरे चेहरे की खुशी देखकर , तुम मुस्कराती हो। मुझे कोई गम हो, तो मेरे कहे बिना समझ जाती हो।