कुछ एहसास भीगो देते हैं अपनी तिश्नगी में महसूस करा जाते हैं कुछ खास हंसी लम्हों को,, बिन तेरे क्या यारा मेरा साहिबा तू मैं मिर्जा तेरा अक्सर तेरा जिक्र छिड़े तो मर जाणा ऐ मिर्ज़ा तेरा बेहतर हाय बेहतर हाय तुझसे ही सब होता जाए ज़िंदगानी में होना तेरा