मैं कुछ खोया-खोया सा रहता हूँ, क्यों उसकी याद में रहता हूँ, मैं था ख़ुद से मतलब रखने वाला, अब उसकी ताक में रहता हूँ, वो संजीदा मिज़ाज में रहने वाली, मैं हरपल मज़ाक़ में रहता हूँ, वो किसी जहान की अपसरा मानो, मै ग़रीब समाज मे रहता हूँ, वो समंदर में जलपरी हो जैसे, मैं टूटे जहाज में रहता हूँ, वो किसी और को चाहने वाली, मैं उस ही के प्यार में रहता हूँ, ©Anirudh Sinwal #Anirudh_Sinwal #Love #Sad #Nazam #poetry #Latest #nojoto #popular #trending #BreakUp