प्रिय पापा की डाँट , तुम कैसे हो अब क्यों नहीं आते तुम , अब तो प्यार ने वहाँ बसेरा कर लिया है पर तेरा होना भी जरूरी है , क्योकि बचपन के वो सुहाने दिन मुझे फिर से जीना है , बात-बात पे वो तेरा पापा के नाक पे.. चढ़कर मुझे डाराना आज भी याद आता है , एक सफल इंसान बनने में तेरा भी हाथ है , प्रिय डाँट तू जैसा भी है बहुत लाज़वाब है ।S.S. स्वरचित ©Sarita Saini #पापा_की_यादें #Nojoto #nojotihindi #nojotothought #lifefeelings #udas