जय हो भोलेनाथ, जय हो भंडारी, जय हो कैलाशपति, जय हो त्रिपुरारी । आपकी जटाओं में है गंगा का पानी, गंगा का पानी जैसे शक्ति रूहानी । अजी तन पे भभूत रमी, नागो की माला, दो नैनों में मस्ती, तीसरे में ज्वाला । और हम आपके दर्शनों की भीख मांगे बन के भिखारी, जय हो भोलेनाथ, जय हो महादेव , जय हो नीलकंठ, जय हो त्रिपुरारी ।। writer by; Anit kumar ✍️ #poem#happy_mahashivratri #everyone