तेरी आहट के चादर को ओढ़े रखा है, तेरे याद को सिरहाने तकिया बनाया अब ये आंँसू नींद बने मेरे, तन्हाई को जीने का जरिया बनाया तेरी जुदाई बनी ये काली रात, रो-रो कर सारी रतिया बिताया तेरे ग़म, जो दिल में बिखर चुके है बरबस, इसे सारी खुशियाँ बनाया वैसे तो तुम्हारी आहट की बेताबी है, ये इस बेताबी को ही, अपनी दुनिया बनाया 🎀 Challenge-189 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 Font छोटा रखिए ताकि वालपेपर खराब न हो। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।