ओस पड़ी थी रात बहुत और कोहरा था गर्माइश पर ,,, सैली सी ख़ामोशी में आवाज़ सुनी फ़रमाइश पर...!! ओस पड़ी थी रात बहुत और कोहरा था गर्माइश पर ,,, सैली सी ख़ामोशी में आवाज़ सुनी फ़रमाइश पर...!!