मेरा शहर अब मेरा सा नहीं रहा कभी था अपना सा अब अपना सा नहीं रहा। जो था गलियों में भाईचारा अब पहले सा नहीं रहा। जो थी ईद की सेंवईयो खुशबु अब पहले सी नहीं रहीं। जो थी होली की गुलाल खुशबु अब पहले सी नहीं रही। मेरा शहर कभी था अपना सा अब अपना सा नही रहा ।। #MeraShehar