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मेरा शहर अब मेरा सा नहीं रहा कभी था अपना सा अब अपन

मेरा शहर अब मेरा सा नहीं रहा
कभी था अपना सा
अब अपना सा नहीं रहा। 
जो था गलियों में भाईचारा
अब पहले सा नहीं रहा। 
जो थी ईद की सेंवईयो खुशबु
अब पहले सी नहीं रहीं। 
जो थी होली की गुलाल खुशबु
अब पहले सी नहीं रही। 
मेरा शहर कभी था अपना सा
अब अपना सा नही रहा ।।



 #MeraShehar  Rupali Roy Malik Zaman
मेरा शहर अब मेरा सा नहीं रहा
कभी था अपना सा
अब अपना सा नहीं रहा। 
जो था गलियों में भाईचारा
अब पहले सा नहीं रहा। 
जो थी ईद की सेंवईयो खुशबु
अब पहले सी नहीं रहीं। 
जो थी होली की गुलाल खुशबु
अब पहले सी नहीं रही। 
मेरा शहर कभी था अपना सा
अब अपना सा नही रहा ।।



 #MeraShehar  Rupali Roy Malik Zaman