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तेरी एक नज़र खींच लेती है रूह को ज़िस्म से इस कदर,

तेरी एक नज़र खींच लेती है रूह को ज़िस्म 
से इस कदर, 
समझा दीजिए ज़रा इन्हें,अंदाज़ तेरे नैनो के
बड़े ही बेलग़ाम है। 

तेरे इश्क़ कि मंजूरी से जी उठूंगी मैं हमदम, 
तेरे नज़र फेरने पर इस जनम में अब बाकि 
न कोई मक़ाम है। 

मेरे  ख़यालो  में  तो  आते  ही  थे  तुम  हमेशा, 
मेरे ख़्वाबों में भी अक्सर अब तेरे ही क़याम है। 

पलकें कब तक रखोगे सज़दो में बता दो ज़रा, 
लिखें  ख़त  में  वो  मज़ा  नहीं, जो  आँखों के
पैग़ाम  में  है।

~ सुचितापाण्डेय ✒


 #नैनोंकीभाषा
#प्यारकाएहसास

तेरी एक नज़र खींच लेती है रूह को ज़िस्म 
से इस कदर, 
समझा दीजिए ज़रा इन्हें,अंदाज़ तेरे नैनो के
बड़े ही बेलग़ाम है।
तेरी एक नज़र खींच लेती है रूह को ज़िस्म 
से इस कदर, 
समझा दीजिए ज़रा इन्हें,अंदाज़ तेरे नैनो के
बड़े ही बेलग़ाम है। 

तेरे इश्क़ कि मंजूरी से जी उठूंगी मैं हमदम, 
तेरे नज़र फेरने पर इस जनम में अब बाकि 
न कोई मक़ाम है। 

मेरे  ख़यालो  में  तो  आते  ही  थे  तुम  हमेशा, 
मेरे ख़्वाबों में भी अक्सर अब तेरे ही क़याम है। 

पलकें कब तक रखोगे सज़दो में बता दो ज़रा, 
लिखें  ख़त  में  वो  मज़ा  नहीं, जो  आँखों के
पैग़ाम  में  है।

~ सुचितापाण्डेय ✒


 #नैनोंकीभाषा
#प्यारकाएहसास

तेरी एक नज़र खींच लेती है रूह को ज़िस्म 
से इस कदर, 
समझा दीजिए ज़रा इन्हें,अंदाज़ तेरे नैनो के
बड़े ही बेलग़ाम है।