Nojoto: Largest Storytelling Platform

बोध के अभाव में एक बालक अथवा शिष्य माँ को माँ नहीं

बोध के अभाव में एक बालक अथवा शिष्य माँ को माँ नहीं मानता जब उसका जन्म होता है। इसलिए ज्ञान पिता समान है और बुद्धि/विद्या माता। ये दोनों जीवन पर्यंत साथ रहते अपितु मरणोपरांत भी तो सर्वश्रेष्ठ शिक्षक ये हुए। प्रेम गौण है और पाया जाता है इसी प्रकार माता का जीवन पर्यंत साथ रहना भी संभव नहीं। केवल  ज्ञान और विद्या/बुद्धि सभी कुछ मानने का मूल कारण है। OPEN FOR COLLAB✨ #ATteachersdaybg
• A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ 

Collab with your soulful words.✨ 

• Must use hashtag: #aestheticthoughts 

• Please maintain the aesthetics.
बोध के अभाव में एक बालक अथवा शिष्य माँ को माँ नहीं मानता जब उसका जन्म होता है। इसलिए ज्ञान पिता समान है और बुद्धि/विद्या माता। ये दोनों जीवन पर्यंत साथ रहते अपितु मरणोपरांत भी तो सर्वश्रेष्ठ शिक्षक ये हुए। प्रेम गौण है और पाया जाता है इसी प्रकार माता का जीवन पर्यंत साथ रहना भी संभव नहीं। केवल  ज्ञान और विद्या/बुद्धि सभी कुछ मानने का मूल कारण है। OPEN FOR COLLAB✨ #ATteachersdaybg
• A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ 

Collab with your soulful words.✨ 

• Must use hashtag: #aestheticthoughts 

• Please maintain the aesthetics.
madhav1592369316404

Madhav Jha

New Creator