पलकों के तले सजाते थे कभी सपने , आज वह खुली आंखों के ख्वाब हो गए । ढाया लाखों सितम उन्होंने हम पर लेकिन हम चुप रहे क्योंकि वह एक सवाल और हम जवाब हो गए ।। ©Nitu Kumari वो तो ख्वाब हो गए #khwaab