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पलकों के तले सजाते थे कभी सपने , आज वह खुली आंखों

पलकों के तले सजाते थे कभी सपने ,
आज वह खुली आंखों के ख्वाब हो गए ।
ढाया लाखों सितम उन्होंने हम पर 
लेकिन हम चुप रहे क्योंकि
 वह एक सवाल और हम जवाब हो गए ।।

©Nitu Kumari वो तो ख्वाब हो गए

#khwaab
पलकों के तले सजाते थे कभी सपने ,
आज वह खुली आंखों के ख्वाब हो गए ।
ढाया लाखों सितम उन्होंने हम पर 
लेकिन हम चुप रहे क्योंकि
 वह एक सवाल और हम जवाब हो गए ।।

©Nitu Kumari वो तो ख्वाब हो गए

#khwaab
nitukumari6972

Nitu Kumari

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