मैं उसके नाम की तस्बीह लिए बैठा हूं अंधेरे में कहीं से ज़रा सी रौशनी आ जाए तो विर्द करूं। दिल के ज़ख्मों के पैबंदों को कुरेदने का सबब? उसको ज़र्रा भी समझ आए तो बयां दर्द करूं। #hayyat_quotes #alhayyat شارق خان