मुझसे गिला है, मुझपर भरोसा नहीं उसे ये सोचकर मैने भी रोका नहीं उसे वो सक्श कभी चांद से पूछे है कोनसी वो रात जब सोचा नहीं उसे अल्फ़ाज़ तीर बनकर उतरते रहे दिल में सहते रहे चुप चुप टोका नहीं उसे शायर ये मोहब्बत नहीं उसूल - ऐ- वफा है हम जान तो देगे मगर धोखा नहीं उसे। Unknown #jachukihaivo