ये सूखे नैन झूठे है, मुझे घर याद आता है,
कुछ बहानो से ही बरसने दो नैनो को,
यूँ अल्फ़ाज़ मुकर जाते है, हाल ए दिल कहने से,
नम आंखों को कहने दो, खुश नही है सबसे दूर रहने से,
माँ परेशान न हो , मैं आँसू नही बहाता,
मन चीख रहा है अंदर से कुछ कह नही पाता, #rain#कविता