उलझन इस बात की है कि जानते कितना हो तुम मुझे, जो तुम मुझे गलत कहने चले, चलो मान लिया में बुरा हूँ। ज़रा ये भी बताना तुम भले हो! ©Harshu kinha Abhishek Sholet