जब व्यक्ति निष्काम भाव से काम करते हुए अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होता है तो प्रभु उसके मूल आदेशों के नया भी हमें रहते हैं किसी प्रकार के संकट में उसकी रक्षा करते हैं लेकिन स्वास्थ्य अहंकार एवं वैमनस्य व स्वयं को ही सब कुछ समझने वाले व्यक्ति को उसके हाल पर छोड़ देते हैं ताकि वह इनसे कुछ सीख सके संसार के जीव जंतु जनचेतना खाने रहने के लिए स्थाई विकल्प उपलब्ध ना होने पर भी तनाव रहित जीवन जीते हैं जबकि संसारी मनुष्य सब कुछ हड़पने के बाद भी मंदा में हर पल तनाव में ही जीवन जीने के लिए अभी साबित होता है ©Ek villain #Dhanteras #आप सब लोग धनतेरस पर सबको खुशियां बांटे