ना जाने किस बहम में जी रहा हु मै अकेला हु ,तन्हा हु ओर सहारे गिनता फिर रहा हु मै नादानियां है जो मुझको छोड़ती नही चालाकियो के पीछे पड़ रहा हु मै मिलता नही मुझे कोई मुझ जैसा हर किसी को मुझसा समझता फिर रहा हु मै। ©Suraj #Love#Poetry#My feelings #Travel