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नमी बनकर बसे हो तुम इन आँखों में, दिल में आज भी तु

नमी बनकर बसे हो तुम इन आँखों में,
दिल में आज भी तुम्हारा ख़्याल बाकी है।

करती हूँ तेरी तस्वीर से बहुत से सवाल मैं,
सुकून दे जो मन को मेरे, वो जवाब बाकी है।

जो याद नहीं रहा तुम्हें इश्क़ का उसूल एक,
उसी इश्क़ में अभी तो मेरा इम्तिहान बाकी है। •●• जीएटीसी क्रिएटिविटी - १० •●•
           《चैलेंज: ३》

कोलाॅब कीजिए २-६ पंक्तियाँ पृष्ठभूमि में लिखें। अपनी पूर्ण रचना को अधिकतम १२ पंक्तियों में अनुशीर्षक में लिखें। ( अनुशीर्षक में लिखने के लिये कोई भी बाध्यता नहीं है। )

आपकी पृष्ठभूमि की पंक्तियों को आप अनुशीर्षक में दोहरा सकते हैं। 

याद रखें: रचनात्मकता का मतलब ही है किसी एक शैली में बंधे बिना लिखना। बस जो भी लिखें उसका तालमेल दी गईं पंक्तियों से ऐसा हो कि पूर्ण रचना यूँ लगे, मानो एक ही क़ल़म से उपजी हो।
नमी बनकर बसे हो तुम इन आँखों में,
दिल में आज भी तुम्हारा ख़्याल बाकी है।

करती हूँ तेरी तस्वीर से बहुत से सवाल मैं,
सुकून दे जो मन को मेरे, वो जवाब बाकी है।

जो याद नहीं रहा तुम्हें इश्क़ का उसूल एक,
उसी इश्क़ में अभी तो मेरा इम्तिहान बाकी है। •●• जीएटीसी क्रिएटिविटी - १० •●•
           《चैलेंज: ३》

कोलाॅब कीजिए २-६ पंक्तियाँ पृष्ठभूमि में लिखें। अपनी पूर्ण रचना को अधिकतम १२ पंक्तियों में अनुशीर्षक में लिखें। ( अनुशीर्षक में लिखने के लिये कोई भी बाध्यता नहीं है। )

आपकी पृष्ठभूमि की पंक्तियों को आप अनुशीर्षक में दोहरा सकते हैं। 

याद रखें: रचनात्मकता का मतलब ही है किसी एक शैली में बंधे बिना लिखना। बस जो भी लिखें उसका तालमेल दी गईं पंक्तियों से ऐसा हो कि पूर्ण रचना यूँ लगे, मानो एक ही क़ल़म से उपजी हो।
akankshagupta7952

Vedantika

New Creator

•●• जीएटीसी क्रिएटिविटी - १० •●• 《चैलेंज: ३》 कोलाॅब कीजिए २-६ पंक्तियाँ पृष्ठभूमि में लिखें। अपनी पूर्ण रचना को अधिकतम १२ पंक्तियों में अनुशीर्षक में लिखें। ( अनुशीर्षक में लिखने के लिये कोई भी बाध्यता नहीं है। ) आपकी पृष्ठभूमि की पंक्तियों को आप अनुशीर्षक में दोहरा सकते हैं। याद रखें: रचनात्मकता का मतलब ही है किसी एक शैली में बंधे बिना लिखना। बस जो भी लिखें उसका तालमेल दी गईं पंक्तियों से ऐसा हो कि पूर्ण रचना यूँ लगे, मानो एक ही क़ल़म से उपजी हो।