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सुर्य को देखकर कली का खिल जाना कोई करिश्मा नहीं है

सुर्य को देखकर कली का खिल जाना कोई करिश्मा नहीं है,
ये तो उस रूहानी उल्फत का असर है, जो दिवाकर की एक झलक पाकर।पुष्प अपना सब सन्ताप भूल कर खिल-खिला उठता है।प्रकृति का प्रत्येक कण हमें प्रेम और आपसदारी का सन्देश देता है,और एक हम (मानव) है जो प्रतियाम अहम् और ज्ञान के झूठे दिखावे में मानव धर्म (प्रीति) से दूर होते जा रहे हैं।
             अमर 'अरमान' प्रीती की रीति अमोलक
सुर्य को देखकर कली का खिल जाना कोई करिश्मा नहीं है,
ये तो उस रूहानी उल्फत का असर है, जो दिवाकर की एक झलक पाकर।पुष्प अपना सब सन्ताप भूल कर खिल-खिला उठता है।प्रकृति का प्रत्येक कण हमें प्रेम और आपसदारी का सन्देश देता है,और एक हम (मानव) है जो प्रतियाम अहम् और ज्ञान के झूठे दिखावे में मानव धर्म (प्रीति) से दूर होते जा रहे हैं।
             अमर 'अरमान' प्रीती की रीति अमोलक
amarsingh1840

Amar Singh

New Creator

प्रीती की रीति अमोलक