Listen Me अक्सर अच्छी लगूँ वो कहानी नही मैं । हाँ दीवानी हूँ ,पर तेरी दीवानी नही मैं ।। हूँ रेत पे खींची एक लकीर सी । जो हर किसी को अपना-ले ,वो पानी नही मैं ।। पत्थरो को भी दर्द होता है , देखा है मैंने । जो खुद ही से भागे , वो जवानी नही मैं ।। चलो अच्छा है तुझ जैसी तो बिल्कुल भी नही हूँ । गिरगिट की तरह जो रंग बदले , वो तश्वीर इंसानी नही मैं ।। हूँ बे-खौफ हवाओ के जैसी । जो किश्ती समंदर में फँसा ले , वो मर्दानी नही मैं ।। अक्सर अच्छी लगूँ वो कहानी नही मैं । हाँ दीवानी हूँ ,पर तेरी दीवानी नही मैं....... title "सच्चाई" #लाइफ #कहानी