देश हमारा, देश हमारा, देता अनेकता में एकता का नारा, चारों दिशाओं में गुँजे एक ही जयकारा, देश हमारा-२ रखा कदम मानव ने जब धरा पर, साथ मिला उसे प्रकृति का, बना वहीं उसका अपना घर। असंख्य जीवों में मानव ने बुद्धि पाई, चाहा उसने विश्वविजेता बनना, हर मोड़ पर प्रकृति से मात खाई। प्रकृति के आगे सारा जग हारा। चारों दिशाओं में गुँजे एक ही जयकारा, देश हमारा-२ धर्म वहीं जो करे संरक्षण, राहों में जो फूल बिछाये, सहयोग का हो जिसमें लक्षण। गिरने ना दे किसी को, जो हाथ से हाथ मिलाये। बोले केवल एक ही नारा, चारों दिशाओं में गुँजे एक ही जयकारा, देश हमारा-२— % & #शहीददिवस #विश्व कुष्ठ उन्मूलन दिवस देश हमारा, देश हमारा, देता अनेकता में एकता का नारा, चारों दिशाओं में गुँजे एक ही जयकारा, देश हमारा-२ रखा कदम मानव ने जब धरा पर,