बुराइयाँ आती और कठिनाइयाँ बढ़ती हैं। जब तक मनुष्य भौतिक सुखों में भटकता है तब तक वह अपने परेशानियाँ ही बढ़ाता है। उसे यह ज्ञान नहीं होता कि सुख और दुःख में अन्तर क्या है? भटकता