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पता है माफी कब माँगी जाती हैं। वो आपके बारे मे बह

पता है माफी कब माँगी जाती हैं।
 वो आपके बारे मे बहुत कुछ कहती हैं ।
कितनी देर मे आप अपनी गलती मान लेते हैं। वो आपको ये बताता है। की रिस्ते की या सामने वाले की कितनी कद्र हैं।माफी तुरन्त मंग लेना या एक दिन के बाद, दो दिन के बाद, हफ्तो के बाद,सालौ के बाद जितना व्क़्क्त आप अपनी गलती मानने मे लगाते हैं।वो ये बताता है की आप उतना व्क़्क्त उस बात मे उलझे हूए रहते है।और आप ये सोचते रहते है की रिस्ता जरुरी है या वो बात,वो गलती जो तुरन्त माफी मंग लेते है न वो आपसे बहुत प्यार करते हैं। वो उस रिस्ते को बहूत एहमियत देते है, वो खोना नही चाहते। उन्हे नुक्सान से डर लगता है। और वही हैं जिनके वजह से मोह्बत कायम है ।अपनापन है, जिनके वजह से दुनिया अभी भी खुबसुरत हैं।बाकी जितना व्क़्क्त आप लेते है ,अपनी गलती मानने मे। वो ये बताता है की आपके अपने लिये खुद की मै सामने वाले से ज्यादा है।और रिस्ता मै पर नही हम पर चलता है।

©Nikhil Seth #माफी
पता है माफी कब माँगी जाती हैं।
 वो आपके बारे मे बहुत कुछ कहती हैं ।
कितनी देर मे आप अपनी गलती मान लेते हैं। वो आपको ये बताता है। की रिस्ते की या सामने वाले की कितनी कद्र हैं।माफी तुरन्त मंग लेना या एक दिन के बाद, दो दिन के बाद, हफ्तो के बाद,सालौ के बाद जितना व्क़्क्त आप अपनी गलती मानने मे लगाते हैं।वो ये बताता है की आप उतना व्क़्क्त उस बात मे उलझे हूए रहते है।और आप ये सोचते रहते है की रिस्ता जरुरी है या वो बात,वो गलती जो तुरन्त माफी मंग लेते है न वो आपसे बहुत प्यार करते हैं। वो उस रिस्ते को बहूत एहमियत देते है, वो खोना नही चाहते। उन्हे नुक्सान से डर लगता है। और वही हैं जिनके वजह से मोह्बत कायम है ।अपनापन है, जिनके वजह से दुनिया अभी भी खुबसुरत हैं।बाकी जितना व्क़्क्त आप लेते है ,अपनी गलती मानने मे। वो ये बताता है की आपके अपने लिये खुद की मै सामने वाले से ज्यादा है।और रिस्ता मै पर नही हम पर चलता है।

©Nikhil Seth #माफी
nikhilseth8058

Nikhil Seth

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