उगे दिनकर,तभी कलरव,यहाँ पंछी,किया करते। शशि की कामना भी ये,करें वो छठ,धरा पे पाँव वो धरके।। सजाकर फल,कि जी डाली,धरा पे चाँद आया है। लिये वो कामना मन में,धरा पे सूप लाया है।। ©Bharat Bhushan pathak #chhathpuja