हाँ, हमारे पहाड़ों मे अभी तक पेडों को काटने से रोका जाता है या उनकी सुरक्षा की जाती है। हमारे यहां से ही चिपको आंदोलन शुरू किया गया था. (गौरा देवी जी) पर्यावरण के प्रति जागरूक