" एक माँ की शहादत " तिरंगे में लिपटी जो देखी वो लहाश तेरी , आँसू भी न निकले आँखों से आज मेरी ! मैं रोती तो आज ये तेरा अपमान होता , शहादत को तेरी न ये मेरा सम्मान होता ! तू मरा नहीं अमर हो गया वतन के नाम , इस मौत को तरसता है हर एक नौजवान ! शहादत तेरी न कभी ये दुनिया भुलायेगी , इतिहास के पंन्नों में ये मौत लिख जायेगी ! तिरंगा कफन सभी के नसीब नहीं आता , हर माँ का लाल वतन के काम नहीं आता ! गद्दारों को तो कफन भी नहीं मिल पाता , इज्जत की नजर से भी उन्हे कहाँ देखा जाता ! फख्र है आज मुझे इस कोख पर अपनी , वतन के खातिर जो तूने जान दी अपनी ! #NojotoQuote " एक माँ की शहादत " तिरंगे में लिपटी जो देखी वो लहाश तेरी , आँसू भी न निकले आँखों से आज मेरी ! मैं रोती तो आज ये तेरा अपमान होता , शहादत को तेरी न ये मेरा सम्मान होता !