मैं माटी का वो दीया हूँ जलता जो है सारी रात मैं तो जलता सब के लिए पर कोई ना जगता मेरे साथ आंधी तूफानों में भी मैं तो रास्ता सबको दिखाता हूँ फ़िर भी अपने तले का अंधेरा क्यूँ मिटा ना पाता हूँ रात भर की है मेरी हस्ती दिन में कोई पूछे ना बात अपना मतलब निकालना जाने यही है बस मानस की जात @anitamishra ©Anita Mishra #mnkibaat