खुद की कमी ख़लती है। कि मुहब्बत की है खुद से जब से , खुद को ही सम्भाले जा रहे हैं। और कोई चुरा ले ना हमारी मासूमियत को , इसलिये खुद को खामोश किये जा रहे हैं।। #खुद_की_कमी