शायरी पिंजरे में बंद पक्षी के भी कुछ ख्बाब होगें, घरों में बंद औरतों के भी कुछ अरमान होगें, दोनों चाहतें होगें अपने सपनो की उडान भरना, पर कैदी की जिंदगी जीने वाले दोनों अपने, पखों की उँची उडान से अनजान होगें। Meenakshi Sharma कैदी