जिंदगी का हिसाब जिंदगी कर्मो का हिसाब है खर्चो का हिसाब है पर जिंदगी बेहिसाब है । बीते लम्हो को जब याद करता हूँ, उस बेहिसाब का अब हिसाब करता हूँ। व्यर्थ रहा कमाया हुआ धन , हनन कर रहा था वो मेरा ही धन। जिंदगी का जब अंतिम समय आया, तब काम कोई ना आया। घमंड मे चूर इस जिंदगी का हिसाब जब आया, ना मैने कुछ पाया और ना कुछ कमाया। ✍ Ajay Shekhawat ©Ajay Shekhawat जिंदगी का हिसाब जिंदगी कर्मो का हिसाब है