अंधेरा बोहत, कम रोशनी जानवर से दर नहीं कोई उससे खुंखार है आदमी खूबसूरत है वो बला की उसके पास खूबसीरती नहीं कल्ब को ना बक़्शे ज़िन्दगी ऐसी काम की नहीं बंदगी रोज़ कोई न कोई बखेड़ा खड़ा हो जाता है। आख़िर क्या बला है ज़िन्दगी! #बलाहैज़िन्दगी #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi