होकर मदमस्त रास्ते से जा रहा था, सामने से एक फूल वाला आ रहा था। मुस्कुराते हुए मुझ पर नजर दौड़ाई ; फूल सस्ते है , थोड़े से ले लो भाई। फूल देखकर आपकी गर्लफ्रेंड खुश हो जाएगी ; सच मे फिर आपकी सारी बाते मान जाएगी । छुप छुप कर मिलने का किस्सा ही खत्म हो जाएगा; अगले ही दिन उसका बाप रिश्ता लेकर घर आ जायेगा। मैंने इनकार में गर्दन हिलाई, गर्लफ्रेंड ना होने की बात उसे समझाई। वह फिर बोला, कोई बात नही , बाबूजी अपनी मंगेतर के लिए ही ले लीजिए, प्यार का पहला ही तोहफा दे दीजिए। फूलों की खुशबू उसके तन मन मे समाएगी; और सदा सदा के लिए आपकी बन जाएगी। मैं मंद मंद मुस्कुराया और , मंगेतर न होने का भी अहसास कराया। उसने थोड़ा सा विचारा, विनीत स्वर में पुकारा। थोड़े से फूल अपनी बीवी के लिए ले जाइए ; इसी बहाने अपने प्रेम का अहसास कराइये। ये रंग बिरंगे फूल जीवन में खुशियों का मजा भर देगें। जो जीने मरने की कसम खाई उसे तरोताजा कर देंगे।। देख लेना प्रेम की गंगा में दोनों कुछ ऐसे डूब जाओगे ; बार बार रोज फूल लेने आप मेरे पास ही आओगे। इस बार मैने उस पर एक विशेष दृष्टि डाली; शादी न होने की बात भी नम्रता से कह डाली। उसनें मुझे ऊपर से नीचे देखा; फिर प्रसन्नता के साथ चीखा। ओ दुनिया के खुश किस्मत इंसान यूँ ही जिंदगी जी लो। और ये फूल उपहार में मेरी तरफ से फ्री में ही ले लो।। उसका मन रखते हुए फूल लेकर मैं घर चला आया; पर उसका कहना सचमुच मुझे बिल्कुल नही भाया। सोच रहा था उसका इस प्रकार कहना उचित नही था। पर आज जब मेरी शादी हुई तब समझ पाया मैं कितना गलत और वह कितना सही था।।😄😄😄🤣🤣🤣