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एक राधे सी दोस्त है मेरी जो सताती बहोत है, मगर प्

एक राधे सी दोस्त है 
मेरी
जो सताती बहोत है, मगर
प्यार भी बहोत करती है
पुछो तो इंकार करतीं है 
पर प्यार बहोत करतीं हैं
जानता हूँ उस की आदत है 
सताना
इसलिए हर बार रूठ 
कर मान जाता हूँ
 ऐ खुदा ओ जान है मेरी 
और मेरी जान की हर खुशी पुरा 
करना

©R. K. Singh------18.11.19
  मेरी जान

मेरी जान #कविता

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