#nitesh...a meri kahani kaisi lagi plz.jarur bataye.comment me.. उसे आई लाइनर पसंद था, मुझे काजल। वो फ्रेंच टोस्ट और कॉफी पे मरती थी, और मैं अदरक की चाय पे। उसे नाइट क्लब पसंद थे, मुझे रात की शांत सड़कें। वो शेक्सपियर पढ़ने में रुचि रखती थी और मेरा मन स्वामी विवेकानंद जी में लगता था। शांत लोग मरे हुए लगते थे उसे, मुझे शांत रहकर उसे सुनना पसंद था। उसे अंग्रेजी गाने पसंद थे, मैं जगजीत सिंह और किशोर कुमार का दीवाना था। लेखक बोरिंग लगते थे उसे, पर मुझे मिनटों देखा करती जब मैं लिखता। वो न्यूयॉर्क के टाइम्स स्कवायर, इस्तांबुल के ग्रैंड बाजार में शॉपिंग के सपने देखती थी, मैं असम के चाय के बागानों में खोना चाहता था। मसूरी के लाल डिब्बे में बैठकर सूरज डूबना देखना चाहता था। उसकी बातों में महँगे शहर थे, और मेरे लिए तो पूरा शहर ही वो थी। ना मैंने उसे बदलना चाहा ना उसने मुझे। एक अरसा हुआ दोनों को रिश्ते से आगे बढ़े। कुछ दिन पहले उसके साथ रहने वाली एक दोस्त से पता चला, वो अब शांत रहने लगी है, लिखने लगी है, मसूरी भी घूम आई, लाल डिब्बे पर अँधेरे तक बैठी रही। आधी रात को अचानक से उसका मन अब चाय पीने को करता है, वो भी अदरक वाली। और मैं...... मैं भी अब अक्सर कॉफी पी लेता हूँ किसी महँगी जगह पर बैठकर !!