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छोड़ रही हूं अपना घर संसार डर है मुझे वक्त के साथ

छोड़ रही हूं अपना घर संसार
डर है मुझे वक्त के साथ तुम बदल  ना जाना

Situation कितनी ही मुश्किल क्यों ना हो
 साथ मेरा तुम छोड़ ना जाना 
डर है मुझे वक्त के साथ तुम बदल ना जाना

सुन रही हूं तंज जमाने की, तेरा हाथ थामने को
तुम जमाने से डरना ना जाना
डर है मुझे ,वक्त के साथ तुम बदल ना जाना

पिता की हूं जान, मुझसे ही थी उनकी शान
मां के आंचल में, मेरा था सारा जहांन
भाई की दुलारी, बहन का मान
कितना है मुश्किल इन सब से दूरी बनाना, तुम ना समझोगे मेरी जान

कभी बिगड़े मेरा मिजाज तो, साथ मेरा तुम छोड़ ना जाना
डर है मुझे वक्त के साथ तुम बदल ना जाना।

©Swati Agrawal #swati_agrawal 
#meri_dairy 
#meri_kalam_se 

#MereKhayaal
छोड़ रही हूं अपना घर संसार
डर है मुझे वक्त के साथ तुम बदल  ना जाना

Situation कितनी ही मुश्किल क्यों ना हो
 साथ मेरा तुम छोड़ ना जाना 
डर है मुझे वक्त के साथ तुम बदल ना जाना

सुन रही हूं तंज जमाने की, तेरा हाथ थामने को
तुम जमाने से डरना ना जाना
डर है मुझे ,वक्त के साथ तुम बदल ना जाना

पिता की हूं जान, मुझसे ही थी उनकी शान
मां के आंचल में, मेरा था सारा जहांन
भाई की दुलारी, बहन का मान
कितना है मुश्किल इन सब से दूरी बनाना, तुम ना समझोगे मेरी जान

कभी बिगड़े मेरा मिजाज तो, साथ मेरा तुम छोड़ ना जाना
डर है मुझे वक्त के साथ तुम बदल ना जाना।

©Swati Agrawal #swati_agrawal 
#meri_dairy 
#meri_kalam_se 

#MereKhayaal