जब लोग जिरह करते नही थकते तब एक बेरिस्टर लाठी लिए निकलता है गांव गांव में वो अजादी का संदेश लिए निकलता है स्वदेश में स्वदेश का मतलब उसने समझाया केवल खादी के दम पर ही अंग्रेज़ों को झुकाया वो सामान्य सा था पर अद्भुद महापुरुष था एक महात्मा था जो राष्ट्रपिता था