Nojoto: Largest Storytelling Platform

जब लोग जिरह करते नही थकते तब एक बेरिस्टर लाठी लिए

जब लोग जिरह करते नही थकते
तब एक बेरिस्टर लाठी लिए निकलता है
गांव गांव में वो अजादी का संदेश लिए निकलता है
स्वदेश में स्वदेश का मतलब उसने समझाया
केवल खादी के दम पर ही अंग्रेज़ों को झुकाया
वो सामान्य सा था पर अद्भुद महापुरुष था
एक महात्मा था जो राष्ट्रपिता था
जब लोग जिरह करते नही थकते
तब एक बेरिस्टर लाठी लिए निकलता है
गांव गांव में वो अजादी का संदेश लिए निकलता है
स्वदेश में स्वदेश का मतलब उसने समझाया
केवल खादी के दम पर ही अंग्रेज़ों को झुकाया
वो सामान्य सा था पर अद्भुद महापुरुष था
एक महात्मा था जो राष्ट्रपिता था