दो गज जमीन काफी है मेरे लिए ना मुझे अब कोई आसमान चाहिए तू मिला हर ख्वाहिश हो गई पूरी ना मुझे नया कोई अरमान चाहिए तेरी हसी की किलकारी हो घर में ना मुझे पत्थरों का मकान चाहिए झील सी आंखें काफी हैं मारने के लिए ना मुझे अब कोई शमशान चाहिए #Tu_mila_main_mukkamal_hua #love #ishq #truelove #shayari #poem