मुझे भी हक है....... मेरी बिंदिया को भी चमकने का हक है। मेरी आँखों को भी सपने देखने का हक है। मेरे हाथों के कंगन को भी खनकने का हक है। मेरे पैरों की पायल को भी छनकने का हक है। मेरे कदमों को भी आकाश छूने का हक है। मुझे भी जिंदगी जीने का हक है। Dharmi Baraiya चिड़िया आकाश में उड़ती अच्छी लगती हैं, पिंजरे में नहीं।