सांसो के सफर से गुजर रहा है आदमी लम्हा लम्हा हर रोज मर रहा है आदमी दिल में खौफ ए खुदा है मगर फिर भी डर डर कर गुंनाह कर रहा है आदमी वाकिफ है जाना है सब कुछ छोडकर जाने क्यूँ इतना उभर रहा है आदमी हराम हो हलाल हो चाहे जैसा हो लेकिन पैसा हो बस हवस के घर को भर रहा है आदमी खोकर दुनियां में मौत को भूल बैठा है इस हकिक़त को कैसे मुकर रहा है आदमी सांसो के सफर से गुजर रहा है आदमी लम्हा लम्हा हर रोज मर रहा है आदमी #RashidRafeek ©Rashid Rafeek ✍️ ✔️ #RashidRafeek