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कुछ स्थिर ना रहता, ना धरती, ना आकाश, ना धूप, ना छा

कुछ स्थिर ना रहता,
ना धरती, ना आकाश,
ना धूप, ना छांव,
ना साथी, ना साया,
ना नफरत, ना प्यार,
कुछ स्थिर रहता है तो,
वो है ख़ुद में विश्वास और प्यार।  किसी शायर ने क्या ख़ूब कहा है-
धूप रहती है न साया देर तक।
#देरतक #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
कुछ स्थिर ना रहता,
ना धरती, ना आकाश,
ना धूप, ना छांव,
ना साथी, ना साया,
ना नफरत, ना प्यार,
कुछ स्थिर रहता है तो,
वो है ख़ुद में विश्वास और प्यार।  किसी शायर ने क्या ख़ूब कहा है-
धूप रहती है न साया देर तक।
#देरतक #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
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