कौन अपना कौन पराया , यह सब बेकार की बात है ! बुरे वक़्त में साथ देती , केवल तन्हाई और अँधेरी रात है ! वक़्त का क्या है जनाब, यह तो एक न एक दिन पलट ही जाएगा ! इंसान जिस्म पर लगे घाव एक बार भूल भी जाए , पर दिल पर किए आघातों को कभी न भूल पाएगा ! पंकज जैन #mood#poetry#nojoto