जिंदगी से शिकवा किए, ना जाने कितने बेचारे बैठे हैं, कुछ ऊपर वाले के, कुछ बाप के सहारे बैठे हैं, किताबों का जिक्र ना कर, नींद आती है मुझे, कुछ मोबाइल तो, कुछ इश्क के मारे बैठे हैं 😎😎😎 Ombir kajal shikva