इज़हार होगा,गले लगेंगे,अभी तो गलना आंकी है। आंसू गिरेंगे, पोछाएंगे,अभी तो मिलना ही साकी है। थोड़ा गुदगुदाएंगे, जोर से हंसाएंगे,मुस्कुराना ताकी है। सब्र करो अभी भी,जले पर नमक छिड़कना हांकी है।। #YourQuoteAndMine Collaborating with Yash Sharma