रिश्तों में बंदिशें जब बढ़ने लगे, झूठ का मैल जब चढ़ने लगे, अंधेरों में दोस्ती जब छूटने लगे, बातों के दाम जब बढ़ने लगे, ख़ामोशी के साज़ जब छिड़ने लगे, आँसुओं का मोल जब घटने लगे, मुस्कान भी जब मुरझाने लगे, मन की बात कंठ में अटकने लगे, जज़्बातों में नमी जब बढ़ने लगे, शब्दों की कमी जब खटकने लगे, सच्चाई भी जब झुकने लगे, रुखाई में दिन जब खटने लगे, अपनेपन में दरारें जब पड़ने लगे, अपने आप से दूरियाँ जब बढ़ने लगे, और न जाने कितने समझौते करने पड़े, बेहतर है, उन रिश्तों से मुक्ति पाना, जहाँ इज़्ज़त के लिए भीख मांगनी पड़े Sometimes it's better to say good-bye than holding onto a strained relationship #रिश्ते #latenightmusings #yqdidi #yqbaba