मनभावन सावन लौट फिर आयी, संग में रिमझिम बारिश भी लायी, तप्ती धरती तृप्ति है पायी। मेघों ने हुंकार भरी है, हवाओं ने भी लिए हिलोरे, वातावरण में छाई हरियाली ! झूम रहे आनंदित जन, जन्तु सभी, पंछी मृदुल गीत गाते डाली डाली नाच रहे है वन में मोर, गूंज रही मेढक की टर-टर शोर, नव पुष्पों ने भी लिए अंगड़ाई यौवन में भी उभार है आयी, झूल रहे बच्चे झूला में औरत रही हरी चूड़ी खनकाई अन्नदाता किसान देश के, चले खेत में हल चलाने, नवसृजन की समय है आयी मनभावन सावन लौट फिर आयी। मनभावन सावन #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqtales #yqhindi #sawan