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मुझ से मुझको रूबरू कराने रात आयी भूली बिसरी यादों

मुझ से मुझको
रूबरू कराने रात आयी
भूली बिसरी यादों से
मुझको मिलाने रात आयी
जिनको दूर कर ना सकें
उनसे मुझको सताने रात आयी
बात जो उनसे रह गई अनकही
बात वो मुझको बताने रात आयी
ज़ख्म जो छिप जाते है
मुस्कान बन पर्दे के पीछे
उन जख्मों पर
मरहम लगाने रात आयी
@meetro.

©Anand Tiwari
  #NightPath