" सरकारें आएंगी , जाएंगी , पार्टियां बनेंगी बिगड़ेंगी मगर ये देश रहना चाहिए । " - गीत नहीं गाता हूँ बेनक़ाब चेहरे हैं, दाग़ बड़े गहरे हैं टूटता तिलिस्म आज सच से भय खाता हूँ गीत नहीं गाता हूँ लगी कुछ ऐसी नज़र बिखरा शीशे सा शहर अपनों के मेले में मीत नहीं पाता हूँ गीत नहीं गाता हूँ पीठ मे छुरी सा चांद राहू गया रेखा फांद मुक्ति के क्षणों में बार बार बंध जाता हूँ गीत नहीं गाता हूँ ©G0V!ND DHAkAD #birthanniversaryofABV #atalbihari मैंने जन्म नहीं मांगा था, किन्तु मरण की मांग करुँगा। जाने कितनी बार जिया हूँ